Sunday, February 10, 2008

ये औरते....२


चांद के संग चांदनी
हो जाती
ये औरतें...

ढोलक की थाप पर
लोक गीत
बन जाती ैं
ये औरतें....

हवा की धुन पर
पाखी बन
लहराती
ये औरतें....

इतने सारे रंग
आंचल में
जीवन पर
इंद्रधनुष सी
छा जाती
ये औरतें.....