Thursday, January 3, 2019

अक्सर ऐसा होता है कि हम दूर दूर तक घूम आते हैं। उन स्थानों के विषय में बहुत सारी जानकारी इक्ट्ठा कर लेते हैं, उनके विषय में चर्चाएं भी कर लेते हैं पर अपने आस - पास की बहुत सी खास जगहें, बातें अनदेखी, अनसुनी ही रह जाती हैं। जैसे कभी- कभी सड़कों पर कैंडल मार्च तो हम कर लेते हैं पर अपने ही घर के कोनों में दुबके बैठे अंधियारे तक हमारी नजर ही नहीं पहुंचती ।
ऐसा ही कुछ लगा हमें जब हमने देखा अपने शहर से कुछ किलोमीटर दूर कमलापुर में यह राधा- कृष्ण मंदिर।मंदिर का परिसर साफ सुथरा है पर उससे लगा रानी महल और उसके चारों ओर का बाग- बागीचा बहुत ही खस्ता हाल स्थिति में है। कुछ लोग रहने भी लगे हैं उसमें। कहा जाता है कि यह कसमाण्डा के राजाओं की व्यक्तिगत सम्पत्ति है। पास ही में उनके महल आदि भी हैं। रानी महल के पीछे एक बड़ा सा सीढियों वाला तालाब भी है और तालाब के दोनों ओर समाप्ति की ओर अग्रसर मंदिर भी । कितना अच्छा होता यदि किसी प्रकार इन्हें एक पर्यटक स्थल के रूप में सहेजा जा सकता। किंतु होंगी ऐसा करने में आने वाली कई बाधायें, तभी तो सब धीरे धीरे माटी में मिल रहा है। वैसे तो प्रकृति का नियम है जो आया है ,सो जायेगा, जो बना है ,वह ढहेगा। किंतु इन सबके बीच भी मंदिर ठीक अवस्था में है और उसकी अपनी कुछ विशेषतायें भी हैं।










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