27.06.05
बारिश में भीगे दिन की शुरुआत. शहर अभी भी अजनबी है.अपने घर के खिड़की दरवाजे आवाज देते हैं.बारिश में धुल पुछ कर निखर आतीं थीं मेरे अमलतास की पत्तियां.
बारिश में भीगे दिन की शुरुआत. शहर अभी भी अजनबी है.अपने घर के खिड़की दरवाजे आवाज देते हैं.बारिश में धुल पुछ कर निखर आतीं थीं मेरे अमलतास की पत्तियां.
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