इस होली
जीवन मे रंग छाये
ज्यूं
उगते सूरज का आकाश
कोमल गुलाबी ,नारंगी और चटक लाल

इस होली
मन मे इच्क्षा फ़ूले
ज्यूं
बासंती सरसों का खेत
नन्हीं नन्हीं ढेरों और नेक

इस होली
आंखो मे स्वप्न पले
ज्यूं
सीपी की मुट्ठी मे मोती
अपने होने से ही
कर दे रौशनी















इस होली
होठों पे गीत मचले
ज्यूं
रुनझुन रुनझुन
प्यासी धरती पर
मेह बरसे
इस होली
नेह मे रिश्ते पगें
ज्यूं
इंद्रधनुष के रंग
एक मन
एक प्राण
एक संग ....
इस होली में..............
अबीर ,गुलाल सी रंगीन
गुझिया सी मीठी और
फ़ाग सी मस्त हो ज़िन्दगी
नमिता
जीवन मे रंग छाये
ज्यूं
उगते सूरज का आकाश
कोमल गुलाबी ,नारंगी और चटक लाल

इस होली
मन मे इच्क्षा फ़ूले
ज्यूं
बासंती सरसों का खेत
नन्हीं नन्हीं ढेरों और नेक

इस होली
आंखो मे स्वप्न पले
ज्यूं
सीपी की मुट्ठी मे मोती
अपने होने से ही
कर दे रौशनी















इस होली
होठों पे गीत मचले
ज्यूं
रुनझुन रुनझुन
प्यासी धरती पर
मेह बरसे
इस होली

नेह मे रिश्ते पगें
ज्यूं
इंद्रधनुष के रंग
एक मन
एक प्राण
एक संग ....
इस होली में..............
अबीर ,गुलाल सी रंगीन
गुझिया सी मीठी और
फ़ाग सी मस्त हो ज़िन्दगी
नमिता
2 comments:
क्या मस्त रंग हैं और क्या मस्ती....
मगर दीवाली के मौसम में होली.....
?
बात क्या ......?
हां ,सो तो है...पर देखा नहीं यह होली २००८ के लिखा और बनाया था.पहले जिस साइट में पोस्ट था उसमे हमारा पेज खुल नहीं रहा था इसीलिये उसमें पड़ी पोस्ट यहां ट्रांसफ़र की थी.
न्मिता
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